- Mahesh Beldar
Problem solving process in Hindi
जब तक हम जिन्दा हे तब तक समस्याओं का आना और जाना लगा ही रहेगा, हमे बाधाओ से दर कर रुकना नहीं हे, अपने हथियार निचे दाल नहीं देना हे, Problems का सामना करना हे, आगे बढ़ते रहना हे, तभी सफलता मिल सकती हे.
पढाई खत्म होने के बाद तुरंत, एक दम से अच्छी, बढ़िया job तो मिलती नहीं, कोई छोटी मोटी job ही मिलती हे, कुछ लोग उस job को ख़ुशी खुसी करते हे, वह सोचते हे की अभी तो हम fresher हे अभी शुरुआत में तो अच्छी जॉब मिलेगी नहीं, अभी यही मिली हे तो इसे ही दिल लगाकर करता हु, यहाँ थोडा सीखूंगा, थोडा experience होगा तो आगे जाकर अच्छी जॉब जरुर मिलेगी, जब की कुछ लोग परेशान हो जाते हे, यह तो कोई job हे, क्या में इसी के लिए इतना पढ़ा था? वह हररोज रोते रहते हे, कुछ तो job छोड़ भी देते हे और घर पर बैठ जाते हे, वह खुद तो परेशान होते ही और साथ साथ घर वालो को भी परेशान कर देते हे.
दो प्रेम करने वाले लोग, प्रेमी और प्रेमिका जब एक दुसरे के साथ होते हे तब, वह दोनों ही एक दुसरे की दुनिया होते हे, लेकिन जब उनमे से कोई एक, दुसरे को छोड़ कर चला जाता हे तब दुसरे की दुनिया ही समाप्त हो जाती हे, कुछ लोग पागल जैसे हो जाते हे तो कुछ अपना जीवन ही समाप्त कर लेते हे.
यह story जो में आपको बताने वाला हू वह आपका अच्छा मार्गदर्शन कर सकती हे वैसी situation में जो मैंने आपको आगे बताई.
This story will tell you: Why we have to face problems?
एक व्यक्ति के जीवन में बहुत ही problems थी, उसके पिता का निधन हो गया, उसके बाद उसके माता, भाई-बहन के पालन-पोसण, उनकी पढाई सभी जिम्मेदारी उसके सर पर आ गई, थोड़े समय बाद उसकी शादी हो गई लेकिन उसके बाद भी उसके जीवन में शांति नहीं थी.
वह कुछ दिनों से काफी परेशान और दुखी था, वह सोचता की यह सब छोड़ छाड़ कर किसी jungle में चला जाता हु और सन्यास ले लेता हु ,एक दिन उसने ऐसा ही किया उसने सन्यास लेने का फैसला किया, वह दूर jungle में नदी किनारे बसे एक गुरु के आश्रम में गया और वहा गुरु को जाकर बोला की, में जीवन से बहुत परेशान और दुखी हु कृपया मुझे अपना शिष्य बना ले, गुरु ने कहा की ठीक हे आज से तुम मेरे शिष्य, तो बताओ शिष्य क्या हे तुम्हारी परेशानी?
शिष्य बोला की गुरूजी मेरे जीवन में एक समस्या खत्म नहीं होती की दूसरी शुरू हो जाती हे, दूसरी खत्म नहीं होती की तीसरी शुरू हो जाती हे, और इस वजह से मुझे किसी काम में सफलता नहीं मिल पा रही, मेरी तनखा बहुत कम हे, पूरा दिन काम करता हु लेकिन इतने पैसे कमा नहीं पाटा की अपने भाई और बहन को अच्छी अच्छी शिक्षा दे पाऊ, बीवी को अच्छी साड़ी उपहार दे पाऊ, साड़ी तो छोडो उसे समय भी नहीं दे पाता.

गुरु ने कहा ठीक हे में तुम्हारी समस्या का हल अभी तुम्हे बताता हु, वह अपने नए शिष्य को लेकर नदी के किनारे पहुचे, नदी के किनारे पहुच कर गुरु ने शिष्य से कहा की हमे यह नदी पार करनी हे, यह बोलकर वह वही खड़े हो गए, शिष्य भी उनके साथ खड़ा हो गया, वह काफी देर तक वहा ही खड़े रहे, जब शिष्य का धैर्य टुटा तब उसने गुरु से कहा की जब हमे नदी पार करनी हे तो हम यहाँ कबसे खड़े क्यों हे? हम आगे बढ़ क्यों नहीं रहे?
गुरु ने कहा की हम इस नदी के सूखने का इन्तजार कर रहे हे, जब यह नदी सूखेगी हम इस नदी को आराम से पार कर लेंगे, हमे कोई कष्ट नहीं होगा, शिष्य ने सोचा की अरे यार में तो किसी अच्छे गुरु की खोजमे निकला था लेकिन यह तो पूरा पागल निकला, वह बोला गुरू जी आप कैसी बात कर रहे हो, नदी का पानी भला कैसे सूखेगा और कब सूखेगा? हमे नदी को इसी समय पार कर लेना चाहिए, गुरु ने कहा में तुम्हे यही बात तो समजाना चाहता हु, इस नदी की तरह जीवन में भी तो समस्या आती ही रहेगी, हमे रुकना नहीं हे, लगातार आगे बढ़ते रहना हे, जैसे जैसे हम आगे बढ़ते जायेंगे वैसे वैसे समस्या के हल भी मिलते जायेंगे, लेकिन रुक जायेंगे तो एक भी परेशानी दूर नहीं हो पाएगी, हमे न रुकना हे, न दोड़ना हे बस चलते रहना हे.
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